बेज़ुबानी यारी
जिसमे प्यार तो खूब था
पर तकरार ने प्यार की एहमियत को तोड़ दिया
मश्हूर तो बहुत थे
पर ज़माने की नज़रो ने
उसे भी गुमशुदा कर दिया
छोटी सी तो थी
पर एक वादे के टूटने से
यारी का वजूद भी टूट गया
यारी तो थी
मगर तेरे जाने से
उसका नाम भी मिट गया
तू चाहें तो मुझसे नफरत कर ले दुनिया भर की।
और मैं एक भी मोका नही छोडूंगी तुझे खुद से नफरत करवाने मे।
क्योंकि जितनी तू नफरत करेगा मुझसे उतना ही मै खुद से प्यार करती जाउगी।।
क्योंकि जितनी तू नफरत करेगा मुझसे उतना ही जीने में मज़ा आता रहेगा मुझे।
तू मुझसे नफरत करता रहेगा तो पता चलता रहेगा की ज़िंदा हु मै।
पता चलता रहेगा की कोई तो है जो मुझसे बेशुमार नफरत करता हैं।
पता चलता रहेगा की आखिरी सांस तक इस नफरत को बरक़रार रखना है ।
तेरी नफरत के बलबूते से ही मेरी सांस चलती रहेगी।
तेरी नफरत ही तो मेरे जीने का सहारा बन पायेगी।
वरना हमारा क्या हैं हम तो पहले भी तन्हा थे और आज भी तन्हा ही हैं।
बस एक तेरी नफरत के सहारे अपनी ज़िन्दगी गुज़ारबसर कर रहे हैं।
बस तेरी नफरत के सहारे । बस तेरी नफरत के सहारे।।
वो आते है वो चले जाते हैं।
फिर आते है फिर दुःख देकर चले जाते हैं।
फिर भी ना जाने क्यों पीछे मुड़कर देखते हैं की हम खुश है की नही।
पता नही क्या चाहते है वो ?
हर बार पूछते है हमसे की क्या हम आज भी उतना ही प्यार करते हैं उनसे।
और हम उनके प्यार मे पागल उनसे कुछ छुपा भी नही पाते
और कह देते है हम प्यार से मुस्कुरा कर सारे दर्द छुपा कर की आपसे प्यार करते रहना तो हमारी तक़दीर बन चुकी हैं।।
आपके आने का इंतज़ार करते करते हम मर भी जाए तो कोई गम नही होगा हमे।
आप हो तो हम हैं वरना कुछ भी नही कुछ भी नही।।
और वो नादान ये भी नही समझता की हम चाह कर भी उनसे नफरत नही कर सकते ।
और वो कहते है इतनी नफरत हमसे ?
हँसी आती है उनकी ये बात सुनके की उन्हें ये लगता ह की हम नफरत करते ह उनसे।।
शायद वो हमे भूल गए है । हमारे प्यार को भूल गए हैं।
अगर हमे जानते तो ये भी जानते की हम चाह कर भी नफरत न कर पायगे उनसे कभी की हम चाह कर भी नफरत ना कर पायगे उनसे कभी।।