मेरा दिल आज भी उस एहसास को महसूस कर सकता हैं।
जब तू किसी मुसीबत में होता हैं
जब तुझे मेरी याद आ रही होती हैं
या जब तुझे किसी बात का दुःख होता हैं।।
तेरी एक आहट से मैं महसूस कर लेती हु की कुछ हुआ है तुझे।
तुझसे इतनी नफरत करने के बाद भी दिल यही सवाल करता है मुझसे की कुछ हो तो नही गया उसे की वो ठीक तो हैं ना ।
और ये दिल भी इतना बेबस है की चाह कर भी तुझसे कुछ पूछ नही सकता की कैसा है तू ठीक तो हैं ना ज्यादा तो नही लगी।
चाह कर भी डांट नही सकता तुझे ।
चाह कर भी प्यार नही कर सकता तुझे ।
भले ही ये दिल ऊपर से अब सख्त दिखता हो पर अंदर से अभी भी उसी छोटी सी मासूम सी बच्ची की तरह है जो बहुत हरकततें किया करती थी ।
जो तुझे हँसाने के लिए खुद कार्टून बन जाती थी ।
जो तेरी एक झलक पाने के लिए सात समंदर भी पार कर देती थी।
ना जाने मैं उस एहसास को अब भी क्यों महसूस कर पाती हु अपने दिल मे ?
ना जाने हम दोनों के प्यार में ऐसी क्या बात थी की दूर जाकर भी हम दोनों एक दूसरे के ओर पास आ जाते थे हमेशा ?
ना जाने उस एहसास से तेरा दिल भी रुहभरुह है की नही ?
ना जाने तू भी मेरे दर्द को महसूस कर सकता है की नही ?
क्या तुझे भी मेरी उस छोटी सी आहट से तक्लीफ़ होती हैं ?
वो एहसास वो प्यार दिल के अंदर ही रह जायगा।।
वो एहसास वो प्यार दिल के अंदर ही रह जायगा।।