Tuesday 31 March 2015

वो एहसास आज भी मौजूद है कही ।

अजीब बात है ये
मेरा दिल आज भी उस एहसास को महसूस कर सकता हैं।
जब तू किसी मुसीबत में होता हैं
जब तुझे मेरी याद आ रही होती हैं
या जब तुझे किसी बात का दुःख होता हैं।।
अजीब एहसास है ये तू इतना दूर है मुझसे फिर भी
तेरी एक आहट से मैं महसूस कर लेती हु की कुछ हुआ है तुझे।
तुझसे इतनी नफरत करने के बाद भी दिल यही सवाल करता है मुझसे की कुछ हो तो नही गया उसे की वो ठीक तो हैं ना ।
और ये दिल भी इतना बेबस है की चाह कर भी तुझसे कुछ  पूछ नही सकता की कैसा है तू ठीक तो हैं ना ज्यादा तो नही लगी।
चाह कर भी डांट नही सकता तुझे ।
चाह कर भी प्यार नही कर सकता तुझे ।
भले ही ये दिल ऊपर से अब सख्त दिखता हो पर अंदर से अभी भी उसी छोटी सी मासूम सी बच्ची की तरह है जो बहुत हरकततें किया करती थी ।
जो तुझे हँसाने के लिए खुद कार्टून बन जाती थी ।
जो तेरी एक झलक पाने के लिए सात समंदर भी पार कर देती थी।
ना जाने ये कैसी सी पहेली हैं जिसमे मुझे बार बार फसना अच्छा लगता था ।
ना जाने मैं उस एहसास को अब भी क्यों महसूस कर पाती हु अपने दिल मे ?
ना जाने हम दोनों के प्यार में ऐसी क्या बात थी की दूर जाकर भी हम दोनों एक दूसरे के ओर पास आ जाते थे हमेशा ?
ना जाने उस एहसास से तेरा दिल भी रुहभरुह है की नही ?
ना जाने तू भी मेरे दर्द को महसूस कर सकता है की नही ?
क्या तुझे भी मेरी उस छोटी सी आहट से तक्लीफ़ होती हैं ?
ऐसे कुछ सवाल जो हमेशा सवाल ही बनकर रह जायगे।।
ना मैं कुछ पूछ पाउँगी ना तू कुछ कह पायेगा ।
वो एहसास वो प्यार दिल के अंदर ही रह जायगा।।
वो एहसास वो प्यार दिल के अंदर ही रह जायगा।।

Thursday 19 March 2015

तेरी नफरत की जंजीरों मे अब हमे बंधे रहना हैं।

तू चाहें तो मुझसे नफरत कर ले दुनिया भर की।
और मैं एक भी मोका नही छोडूंगी तुझे खुद से नफरत करवाने मे।
क्योंकि जितनी तू नफरत करेगा मुझसे उतना ही मै खुद से प्यार करती जाउगी।।
क्योंकि जितनी तू नफरत करेगा मुझसे उतना ही जीने में मज़ा आता रहेगा मुझे।

तू मुझसे नफरत करता रहेगा तो पता चलता रहेगा की ज़िंदा हु मै।
पता चलता रहेगा की कोई तो है जो मुझसे बेशुमार नफरत करता हैं।
पता चलता रहेगा की आखिरी सांस तक इस नफरत को बरक़रार रखना है ।

तेरी नफरत के बलबूते से ही मेरी सांस चलती रहेगी।
तेरी नफरत ही तो मेरे जीने का सहारा बन पायेगी।
वरना हमारा क्या हैं हम तो पहले भी तन्हा थे और आज भी तन्हा ही हैं।
बस एक तेरी नफरत के सहारे अपनी ज़िन्दगी गुज़ारबसर कर रहे हैं।
बस तेरी नफरत के सहारे । बस तेरी नफरत के सहारे।।

वो पल याद आने लगे

वो आते है वो चले जाते हैं।
फिर आते है फिर दुःख देकर चले जाते हैं।
फिर भी ना जाने क्यों पीछे मुड़कर देखते हैं की हम खुश है की नही।
पता नही क्या चाहते है वो ?

हर बार पूछते है हमसे की क्या हम आज भी उतना ही प्यार करते हैं उनसे।
और हम उनके प्यार मे पागल उनसे कुछ छुपा भी नही पाते
और कह देते है हम प्यार से मुस्कुरा कर सारे दर्द छुपा कर की आपसे प्यार करते रहना तो हमारी तक़दीर बन चुकी हैं।।

आपके आने का इंतज़ार करते करते हम मर भी जाए तो कोई गम नही होगा हमे।
आप हो तो हम हैं वरना कुछ भी नही कुछ भी नही।।

और वो नादान ये भी नही समझता की हम चाह कर भी उनसे नफरत नही कर सकते ।
और वो कहते है इतनी नफरत हमसे ?
हँसी आती है उनकी ये बात सुनके की उन्हें ये लगता ह की हम नफरत करते ह उनसे।।
शायद वो हमे भूल गए है । हमारे प्यार को भूल गए हैं।
अगर हमे जानते तो ये भी जानते की हम चाह कर भी नफरत न कर पायगे उनसे कभी की हम चाह कर भी नफरत ना कर पायगे उनसे कभी।।